Monday, November 7, 2011

Tulsi Vivah, Bhisma Panchak, Baikunth Chaturdashi and Kartika पूर्णिमा


Tulsi Vivah, Bhisma Panchak, Baikunth Chaturdashi and Kartika पूर्णिमा


Tulsi Vivah on Mon, 7 November 2011

कार्तिक Kartika शुक्ल एकादशी को शालिग्राम और तुलसी का विवाह रचाया जाता है। मान्यता है कि कार्तिक मास में जो व्यक्ति तुलसी का विवाह भगवान विष्णु से रचाता है उसके पिछले जन्मों का पाप नष्ट हो जाता है।

Dev Prabodhini Ekadashi Vrat: Sun, 6 Nov 2011

Bhisma Panchak from 6 Nov 2011 to 10 November 2011 (refer hindu panchang)

यह व्रत कार्तिक शुक्ल एकादशी से प्रारंभ होकर पूर्णिमा तक चलता है। कहा जाता है कि महाभारत (Mahabharata) काल में जब देवव्रत भीष्म सूर्य के उत्रायण (Uttarayana – from Makar Sankranti) होने की प्रतिक्छा में शर शय्या पर थे तो उनही पांच दिनों के दौरान उन्होने पांडवों को राज धर्म, वर्ण धर्म, मोक्छ Moksha धर्म आदि पर उपदेश दिया था। श्री कृष्ण Krishna ने उनकी स्मृति में भीष्म पंचक व्रत की आयोजना की।

Baikuntha Chaturdashi Vrat on Tue, 8 Nov 2011

Baikunth Chaturdashi : Wed, 9 Nov 2011 (अरुणोदयव्यापिनी, भगवान शिव और विष्णु की पूजा करनी चाहिये)

कार्तिक Kartika मास के शुक्ल पक्छ Paksh की चतुर्दशी (a day before kartika purnima) को यह व्रत fast किया जाता है। ऐसी मान्यता है की निःसंतान लोग यदि रात्रि के समय किसी नदी या तीर्थ में पूरी रात्रि तक खडे होकर हाथों में दीपक जलाएं तो संतान की प्राप्ति होती है।

Kartika Purnima (Maha Kartiki) on Thu, 10 Nov 2011

कार्तिक पूर्णिमा पवित्र पुनीत पर्व है। इसमें किये गये यग्य Yagya, दान, स्नान, साधना का फल असीम होता है। उस दिन यदि कृतिका नक्शत्र Nakshtra हो तो महाकार्तिकी होती है। इसी दिन सायंकाल के समय मतस्यावतार हुआ था। अत: इस दिन किये गये दान का फल दस यग्यों के फल के बराबर है। इस दिन हरिद्वार haridwar, काशी Varanasi, प्रयाग Allahabad, पुष्कर Pushkar आदि पुण्य तिर्थों Tirth में श्रध्दापूर्वक स्नान, दान करने से महा पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

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